गणेश पुराण में गणेशजी के आगमन की भविष्यवाणी की गई है। कलियुग को अधर्मपूर्ण माना जाता है, जिसमें लोगों के आदर्शों का महत्व कम हो जाता है। गणेश पुराण में कहा गया है कि भगवान गणेश धरती पर अवतार लेकर लोगों का कल्याण करेंगे जब पाप और प्रेम चरम पर होंगे। हम इस लेख में गणेशजी के इस अवतार का नाम क्या होगा और यह कब होगा।
धूम्रकेतु: कलियुगीय देवता गणेश
गणेश पुराण में बताया गया है कि भगवान गणेश का कलियुग में अवतार ‘धूम्रकेतु’ था। कलियुग में समाज में फैल चुकी बुराइयों को दूर करने के लिए गजाजन भगवान गणेश इस अवतार में प्रकट होंगे। इस अवतार के माध्यम से कलियुग में हर जाति और समुदाय धार्मिक होने की कोशिश करेगा। धूम्रकेतु के आगमन से कलियुग में न्याय, सच्चाई और धार्मिकता की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
गणेश पुराण में भविष्यवाणियों का संकलन
गणेश पुराण में कहा गया है कि कलियुग आने पर ब्राह्मणों, विद्वानों और बुद्धिमान लोग धर्म के मार्ग पर चलने में असमर्थ होंगे। यहां तक कि वे वैदिक अध्ययन को छोड़कर दूसरे कामों में लग जाएंगे। इसके साथ ही वे तप करना, यज्ञ करना और अच्छे काम करना छोड़ देंगे। गणेशजी का कलयुग प्रकट होगा जब समय पर वर्षा नहीं होने से खेती में समस्याएं होंगी। इससे कलियुग में धर्म की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए गणेशजी का आगमन होगा, जिससे अधर्म और पाप काम बढ़ेंगे।
गणेश पुराण में यह भी कहा गया है कि विद्वान और धार्मिक लोग मूर्ख बन जाएंगे जब लोग लालच में आकर एक-दूसरे को धोखा देंगे। उनके पास जो कुछ होगा, वह भी चला जाएगा, और कोई भी उनकी हानि नहीं लेगा। दूसरे की पत्नी को दूसरों ने बुरा देखा जाएगा और शक्तिशाली लोग कमजोरों को सताएंगे। गणेशजी का कलियुग अवतार ऐसे अन्याय और दुर्भावनाओं को दूर करेगा।
कलियुग की पूर्वानुमान
गणेश पुराण के अनुसार, वैश्य लोग कलियुग में मेहनत से पैसे कमाने की बजाय बुरे काम करके पैसे बटोरने लगेंगे। स्त्रियां अपने पतिव्रत धर्म को छोड़कर अधर्म की ओर बढ़ जाएंगी। लोग माता-पिता और शिक्षकों का अपमान करने लगेंगे, और गणेशजी का एक नया अवतार धरती से मिट जाएगा। यह दुर्दशा कलयुग में दूर करने के लिए गणेशजी का कलयुग अवतार चाहिए था।
स्थापना
गणेश पुराण के अनुसार, गणेशजी का अवतार कलियुग में ‘धूम्रकेतु’ नाम से होगा। इस अवतार के आगमन से कलियुग में न्याय, सच्चाई और धार्मिकता की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, और लोग धर्म के मार्ग पर चलने की कोशिश करेंगे। गणेश पुराण में कलियुग में होने वाले इस अवतार की भविष्यवाणियाँ बताती हैं कि धर्म और सच्चाई का पालन करके ही कलियुग की दुर्दशा से बच सकते हैं।